पर्यावरणधर्म के बारे में
श्री कौशल किशोर जायसवाल अपने निजी खर्चों पर विश्व का पहले पर्यावरण धर्म ज्ञान मंदिर का निर्माण अपने पैतृक गांव डाली बाजार के कौशल नगर स्थित जैविक पार्क में करा रहे हैं। उन्होंने अपने डाली गांव में करोड़ों की लागत से जैविक उद्यान व पार्क विकसित किए हैं जिसमें 22 देशों के 200 से अधिक विभिन्न प्रजाति के पौधे लगे हैं। श्री कौशल किशोर कहते है कि उन्होंने अपना पूरा जीवन पर्यावरण व जनकल्याण के लिए समर्पित कर दिया है। वह जगह-जगह पर्यावरण गोष्ठियां आयोजित तक लोगों को जागरूक करते हैं। यही नहीं, श्री कौशल किशोर किसी के यहां भी शादी समारोह, जन्मदिन समारोह या किसी अन्य मांगलिक आयोजनों में जाते हैं तो मेजबान को उपहार के तौर पर पौधा देते हैं। वह लोगों को जन्मोत्सव और श्राद्ध कर्म में भी पौधा लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका वन राखी मूवमेंट देश में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में क्या महत्व रखता है, इसका अंदाजा इस बात लगा सकते हैं कि वर्ष 2017 में संघ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा में सवाल पूछा गया था कि ‘वन राखी मूवमेंट किसने चलाया?’ सीबीएसई और आइसीएससीई की कक्षा छह के अंग्रेजी पाठ्यक्रम में भी वन राखी मूवमेंट को शामिल किया जा चुका है।
क्या आपको पौधा चाहिए? क्या आप अपने क्षेत्र में पौधरोपण कराना चाहते है? वो भी बिना कोई शुल्क दिए हुए
Contact Usपर्यावरणविद कौशल किशोर ने बड़े कम उम्र से ही पौधारोपण का शुभारंभ वर्ष 1967 में अपनी जन्म भूमि झारखंड राज्य के पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड के डाली बाजार गांव से किया था। शुरुआती दौर में वे अपनी निजी भूमि (7.72 हेक्टेयर ) पर पौधरोपण किया था। वे बताते हैं कि वर्ष 1966 में जब सम्पूर्ण देश महा आकाल की चपेट में आया। तब उस समय लोगों के पास न तो खाने के अन्न थे और न ही पीने को पानी । उस स्थिति का आकलन करते हुए उनके पिता मोहनलाल खुर्जा मां पार्वती देवी जो पेशे से एक साधारण किसान थे, उन्होंंने ने कहा था कि यह भीषण समस्या लोगों के समक्ष वनों की कटाई के कारण ही उतपन्न हुई है। तब श्री कौशल ने अपने पिता व माता की बातों से प्रभावित होकर दृढ़ संकल्प और मजबूत इच्छाशक्ति के साथ जंगल बचाओ ,जंगल लगाओ अभियान की शुरुआत की। ताकि दुबारा जल संकट और अन्य संकट लोगों को यह दुर्दिन देखने को नहीं मिले।
पर्यावरण के लिए काम कर रहे हैं
1967 में ‘जंगल बचाओ-जंगल लगाओ ‘अभियान शुरू किया। वह सुंदर लाल बहुगुणा, पानूरंग हेगड़े, इंद्रजीत कौर, धूम सिंह नेगी जैसे पर्यावरणविदों के साथ काम कर चुके हैं।
और पढ़ेंउन्होंने पर्यावरणविद सुंदरलाल बहुगुणा के साथ उत्तराखंड, पंजाब, बिहार, कर्नाटक समेत झारखंड के पलामू जिले के वन राखी मूमेंट के प्रणेता कौशल किशोर के आवास पर्यावरण भवन मे 2007 और 2009 में, आकर निशुल्क पौधा वितरण के 38 वा एवं 40 वा वर्ष पूरा होने के उपरांत शिविर का उद्घाटन किए थे और पर्यावरणविद कौशल को प्रशंसा पत्र अनुशंसा पत्र से सम्मानित भी किए साथ ही जॉर्ज एजेंट्स (यूएसए), सरोज शर्मा (नेपाल) ,प्रोफेसर हैट्रिक व पेट्राके (जर्मनी), इंद्रजीत कौर (पंजाब),अशोक कुमार( जम्मू कश्मीर) कुलदीप सिंह ,हिमाचल ,धूम सिंह नेगी उत्तराखंड ,पांडुरंग हेगड़े (कर्नाटक) रामकृष्ण हेगड़े( केरल) के साथ देश के कई दर्जनों प्रमुख पर्यावरण विदों के साथ इस अभियान को गति दिया। इतना ही नहीं उन्होंने सैकड़ों आईएस आईपीएस एवं आईएफएस के साथ पर्यावरण धर्म कार्यक्रम में निशुल्क पौधा वितरण सह रोपण कर कीर्तिमान स्थापित किया है। पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने निजी खर्चों पर छतरपुर के डाली बाजार के कौशल नगर में पर्यावरण धर्म पार्क और जैविक उद्यान अपने पिता मोहनलाल खुर्जा मां पार्वती देवी के नाम से विकसित किया है। उसी पार्क परिसर में उन्होंने दुनिया का पहला पर्यावरण धर्म ज्ञान मंदिर का भूमि पूजन कर कार्य प्रारंभ किया है। जिसके निर्माण कार्य पूरे होते ही वहां देश विदेश के लोगों को पर्यावरण धर्म से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी। उस पार्क में विश्व के दर्जनों देशों के 251 दुर्लभ प्रजाति के पौधे लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है।