पर्यावरणविद कौशल अपने 66 वां जन्मदिन पर चंदन, रुद्राक्ष, कपूर समेत कई दुर्लभ प्रजाति के 31 पौधा लगाते हुए कहा*
*जन्म से मृत्यु तक वृक्षों से सांसो के रिश्ते हैं, पेड़ पौधे को मत करो नष्ट, नहीं तो सांस लेने में होंगे कष्ट कौशल*
पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल के 66 वां जन्मदिन पर उनकी पोती आद्रिका व आराध्या जायसवाल ने केक काट कर मनाया
पौधों को बचाने की शपथ दिलाते पर्यावरणविद
*मेदिनीनगर पलामू झारखंड*
शहर के राजकीयकृत मध्य विद्यालय परिसर में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के अगुआ पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय गांव से किया । पर्यावरण धर्म के तहत अपने 66 वां जन्मदिन पर लोगों को शुभकामना देते हुए पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ चंदन , रुद्राक्ष, कपूर,समेत कई दुर्लभ प्रजाति 31 पौधा लगाया। उपस्थित लोगों को उन्होंने पर्यावरण धर्म के 8 मुल ज्ञान मंत्र की शपथ दिलाते हुए कहा कि पर्यावरण धर्म का पहला मुल मंत्र के तहत जन्मदिन या जीवन के कोई भी शुभ कार्य या श्राद्ध में पौधा लगाकर उसे बच्चों को तरह बचाना शामिल है। पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने अपने जन्मदिन पर देश के उन वीर सपूत शहीदों को नमन करते हुए कहा कि उन जांबाज वीर शहीदों के कारण ही क्रूर अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी। परंतु प्रदूषण और सांसों के शत्रु बना कोरोना से अभी आजादी मिलना बाकी रह गया है। क्योंकि कोरोना काल में पेड़ पौधों और ऑक्सीजन की अहमियत से भला कौन वाकिफ नहीं है।
वन राखी मूवमेंट के अगुआ कौशल ने अपने जीवन के 66 वर्षों में से 55 वर्ष न सिर्फ अपने राज्य में बल्कि देश विदेशों में भी जाकर अब तक 40 लाख निःशुल्क पौधे वितरण किया है। यही कारण है कि उनकी जीवनी की पढ़ाई 2010 से बच्चों को दी जाती है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापक श्याम देव मेहता और संचालन भाजपा जिला प्रवक्ता शिव कुमार मिश्रा ने किया। शिक्षक महेश कुमार मेहता , शिक्षिका पूर्णिमा मिश्रा एवं ललिता देवी ने अपने संबोधन में झारखंड के लाल कौशल किशोर जायसवाल के कार्यों की प्रशंसा करते हुए सभी लोगों से अपने जीवन के महत्वपूर्ण क्षण को यादगार बनाने के लिए पौधा लगाने और उसे बचाने एवं उससे होने वाली लाभ के बारे में बताया। मौके पर उपस्थित
साक्षी कुमारी, युवराज सिंह, लक्की, गणेश, आकांक्षा कुमारी, सोमनाथ शर्मा, पौधा रोपन में शामिल थे।