*क्षेत्र के कई पूजा पंडालों से निकली जल यात्रा में शामिल होकर पर्यावरणविद ने पौधा लगाते हुए कहा*
*जल को संरक्षित और सुरक्षित रखने के उद्देश्य से ही* *धार्मिक आयोजनों में निकाली जाती है जल यात्रा*
फ़ोटो- कलश उठाते और पौधा लगाते पर्यावरणविद कौशल
*छतरपुर पलामू झारखंड*
जिले के छतरपुर प्रखंड के सहरसवा, चिरू, कर्मा, जराई , मुरुमदाग एवं डाली बाजार समेत कई प्रमुख देवस्थलों के जल यात्रा एवं पूजा पंडालों में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु वन राखी मूवमेंट के अगुआ पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने शामिल होकर कलश उठाए और पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ पौधा लगाया। उन्होंने उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि जल यात्रा का उद्देश जल को संरक्षित और सुरक्षित करने की भावना को जागृत करना होता है। क्योंकि जल ही जीवन है । उसके बगैर मानव की संरचना ही नहीं हो सकती। आगे उन्होंने बताया कि जल लाने के लिए बादल, बादल लाने के लिए जंगल और जंगल बनाने के लिए पौधा लगाना होगा। तभी जल के प्राप्ति होगी और उसी के बदौलत धरती और ब्राह्मणड में रहने वाले 84 लाख योनि जीवों की जिंदगी बच पाएगी।
पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि यदि लोग आम, कपूर और बेल के पौधे नहीं लगाएंगे तो आने वाले पीढ़ी को मां दुर्गे की पूजा के लिए चांदी से भी महंगा बेल , सोना से महंगे कपूर और चंदन से भी महंगे आम की लकड़ी हवन करने के लिए खरीदना पड़ेगा । तब केवल औपचारिकता पूरी होगी।
सहरसावा और चिरू में पूजा अर्चना के लिए बटाने नदी से मंत्र पूजित जल लाकर पूजा पंडालों में स्थापित किया गया। पर्यावरणविद ने चीरू पंचायत देवी मंडप के समीप इस पवित्र बेला पर थाईलैंड बारहमासी आम के पौधा लगाकर लोगों को जागरूक किया। ताकि धर्म और संस्कृति की रक्षा किया जा सकेगा। उक्त समस्त कार्यक्रमों में मुनकेरी के निवर्तमान मुखिया दशरथ प्रसाद, डॉ रमेश राम , बसंत विश्वकर्मा रामजीत चंद्रवंशी, सचिन पांडे, नवीन पासवान, बबलू चंद्रवंशी, दिलीप प्रसाद,गणेश प्रसाद यादव, जय प्रकाश सिंह, शंकर रंजन, उमेश शर्मा, आमोद शर्मा आमोद शर्मा, प्रमोद यादव, कल्याण यादव, नारायण यादव, प्रवेश यादव, नंदू विश्वकर्मा, चंदन विश्वकर्मा, सुभाष गुप्ता ,समेत सैकड़ों श्रद्धालु शामिल होकर आयोजन को सफल बनाने में सहयोग किया।