*तीन दिवसीय पलामू दौरे पर आए है कर्नाटक के प्रख्यात पर्यावरणविद पांडूरंग हेगड़े*
– *पिछले 50 वर्षों से चिपको व वनराखी मूवमेंट से जुड़े हैं हेगड़े*
*पलामू किला सहित कई जगहों पर जाकर किया पौधरोपण व वृक्षों पर रक्षाबंधन*
*पलामू के बढ़ते तापमान पर चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरणविद कौशल की बातों की अनदेखी करना लोगों को पड़ेगा महंगा: हेगड़े*
लातेहार / झारखंड ।
कर्नाटक से तीन दिवसीय दौरे पर पलामू आये प्रख्यात पर्यावरणविद पांडुरंग हेगड़े ने यहां के बढ़ते तापमान पर चिंता जताते हुए कहा कि पर्यावरणविद कौशल किशोर की बातों की यहां के लोग अनदेखी करेंगे तो आने वाले समय में उनके लिए काफी महंगा साबित होगा। वे पिछले 50 वर्षों से चिपको व वनराखी मूवमेंट से जुड़कर पर्यावरण के क्षेत्र में कई उल्लेखनीय कार्यं किया है। उन्होंने लातेहार जिला के पलामू किला में वनों पर कोलकाता से आए पर्यावरण प्रेमियों के साथ वृक्षों पर रक्षाबंधन कर पर्यावरण पर विशेष चर्चा की। इस दौरान उन्होंने विश्व व्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल एवं कोलकाता से आये लोगों के साथ बरवाडीह के कस्तूरबा विद्यालय और खुरा पंचायत में गुरु नानक देव की जयंती के पूर्व संध्या पर आम का पौधा लगाकर लोगों के साथ पर्यावरण से जुड़ी कई बातों की जानकारी साझा किया। अपने संबोधन में पांडुरंग हेगड़े ने प्रमंडल में बढ़ती तापमान पर चिंता जताते हुए कहा कि लोग प्रकृति के साथ अर्थ के लिए अनर्थ कर रहे हैं। जबकि पर्यावरण धर्म गुरु कौशल ने 50 वर्ष पूर्व से कहते आ रहे हैं कि अगर इसी तरह प्रकृति से छेड़छाड़ होते रहा तब लोगों को पानी की बोतल व ऑक्सीजन की सिलेंडर साथ लेकर चलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि इतने के बाद भी लोग कौशल किशोर की बातों पर अमल नहीं कर रहे हैं। कोरोना की विभीषिका से भी लोग सबक नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान में सभी को आगे आना होगा। इसके लिए देश ही नहीं विदेशों में भी जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
कार्यक्रम के प्रमुख लोगों में वन विभाग से रिटायर अजय कुमार मिश्रा, विक्टर क्रिकेटर, शिवानंद तिवारी, शशि भूषण तिवारी, दीनानाथ राम, और कोलकाता से वनरखी मूवमेंट से जुड़े हुए कार्यकर्ताओं में सुशीलीता शाह, कोटाउ चटर्जी, शत्कना चटर्जी, मानस खान, देवयानी दास, सुमित्रा शंकर दत्ता, अंजीत बनर्जी, मौमिता बनर्जी, गोराचंद साहू, बरवाडीह कस्तूरबा सहायक वार्डन उषा कुजूर, संगीता कुजूर, रूबी कुमारी, संगीता, नाईसा, रीमा, गीता, सुजाता,आदि शामिल थे।