छतरपुर। पलामू। झारखंड। पर्यावरणविद कौशल ने यज्ञ के झंडा स्थापना पर बरगद और पीपल के पौधे लगाते हुए कहा भारतीय संस्कृति में यज्ञ, संत, सरोवर और तरुवर की पूजा का अलग ही महत्व है
छतरपुर। पलामू। झारखंड। छतरपुर अनुमंडल के ग्राम गुंडरी में यज्ञ कराने के उद्देश्य से श्री श्री 108 श्री शेष नारायणाचार्य के सानिध्य में झंडा स्थापित किया गया । इस धार्मिक आयोजन के
बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ यज्ञ परिसर में धार्मिक मान्यता के अनुरूप बरगद एवं पीपल के पौधा लगाया।
साथ ही उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि यज्ञ , संत सरोवर और तरुवर दूसरे को परोपकार के लिए ही धरती पर होते हैं जिससे धरती और ब्राह्मण्ड के 84 लाख योनि जीवों की सुरक्षा होती है और अनेकों प्रकार के प्रदूषण दूर होती है।पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि यज्ञ और वृक्ष में काफी समानता है। दोनों में बस फर्क इतना है कि वृक्ष वायु प्रदूषण समाप्त कर अन्य कई लाभकारी कार्य करती है वहीं यज्ञ से वायु प्रदूषण, धार्मिक प्रदूषण एवं सामाजिक प्रदूषण दूर होते हैं।
वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा कि पर्यावरण धर्म के तहत बर एवं पीपल के पौधे लगाने से पंक्षियों को भोजन मिलता है बेल लगाने से नहीं। पंछी भी पर्यावरण संतुलन करने में अहम भूमिका निभाती है।
पर्यावरणविद कौशल ने चलने वाले पेड़ और 24 घंटे ऑक्सीजन देने वाले पेड़ों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि पीपल और बरगद के पेड़ों की पूजा सदियों से होती आ रही है क्योंकि पीपल 24 घंटे ऑक्सीजन देती रहती है वही बरगद के पेड़ अमर रह कर चलते रहता है ।
यह दोनों पेड़ बिना मिट्टी और पानी के बिना भी जिंदा रहते हैं। दोनों पेड़ वायुमंडल में व्याप्त हवा की नमी से अपना भोजन पूरा कर लेते हैं
श्री जायसवाल ने कहा कि यह यज्ञ का आयोजन करोना से शांति मिला तो 10 अक्टूबर से शुरू होगा नहीं तो 2021 में अगली तिथि तय की जाएगी।कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश यादव और संचालन लक्ष्मी यादव ने किया। वहीं धन्यवाद विज्ञापन सूरज देव यादव ने की। कार्यक्रम में जुटे प्रमुख लोगों में प्रमुख जगनारायण सिंह, श्रवण जायसवाल ,सुचित जायसवाल, रामजी प्रसाद, कृष्णा प्रसाद ,मनीष प्रसाद, विंदा प्रसाद, मनोज विश्वकर्मा, महेशी यादव, शिवनाथ रवि, लाल बिहारी यादव ,संतोष यादव, केसी यादव ,मोहन यादव ,भदई भुइयां समेत क्षेत्र के काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।