पर्यावरणविद ने लोहड़ा देवी मंदिर प्रांगण में 21 विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाकर कहा*
*मन्दिर में भगवान के दर्शन के साथ परिसर में 51 विलुप्त प्रजाति के पौधों का अवलोकन करेंगे श्रद्धालु: कौशल*
– मंदिर परिसर में 51 विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाने की है योजना
फोटो – पौधा लगाते पर्यावरणविद व अन्य
*पड़वा प्रखंड पलामू झारखंड*
पलामू जिले के पड़वा प्रखंड के लोहड़ा देवी मंदिर परिसर में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने 21 विलुप्त प्रजाति के पौधा पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ लगाया।
उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाई। पर्यावरणविद ने पौधरोपण के दौरान कहा कि आने वाले समय में वहां देश-विदेश के 51 प्रजाति के पौधे लगाए जाएंगे। जो दर्शनार्थियों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। उसकी छटा ही श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करेगा।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि आज जो पौधे लगाए जा रहे हैं इसमें कई पौधे विदेश के हैं और कई पौधे बिल्कुल विलुप्ति के कगार पर है। जिसमें कल्पतरु,कर्नाटक के सफेद चंदन, हिमाचल के कपूर, भूटान के सिंदूर, तमिलनाडु के लाल चंदन, नेपाल के रुद्राक्ष, नेपाली बेल, परिजात, आंवला, शमी, अमलतास, हरे, कदम, महोगनी, आम, अमरूद, जहरकनैल, करीपत्ता, बरगद और पीपल समेत कुल 21 प्रजाति के पौधों लगाए गए।
वन राखी मूवमेंट के प्रनेता कौशल ने कहा कि वर्ष 2022 में उन्होंने नेपाल भूटान समेत देश के 10 राज्यों में 2 लाख पौधों का निःशुल्क वितरण, रोपन एवं वृक्षों पर रक्षाबंधन के साथ पर्यावरण पर बढ़ते खतरे को देखते हुए लोगों में जागरूकता लाने के लिए पर्यावरण पर संगोष्ठी का आयोजन करने का निर्णय लिया है। जिसकी शुरुआत प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी जी के द्वारा जिले के छतरपुर अनुमंडल के ग्राम पंचायत डाली बाजार के कौशल नगर से माह जुलाई में कर दिया गया है । आज उसी कड़ी में पौधों का रोपण किया गया और निरंतर पौधा रोपण व वितरण जारी है । इस पुनीत कार्य में उपस्थित श्रीकांत मिश्रा, पारसनाथ मिश्रा ,कृष्णचंद्र मिश्रा, कृष्णानंद तिवारी, आलोक तिवारी ,अवधेश मिश्रा ,आशीष मिश्रा ,विपिन मिश्रा ,गुड्डू भुइयां , नारद महतो, नागेश्वर मिश्रा ,पिंकू मिश्रा ,धीरज गौतम ,अमित मिश्रा ,पंकज मिश्रा ,रामप्रवेश मिश्रा ,सत्येंद्र मिश्रा धनमंत्र मिश्रा, एवं बैसाखी भुइया आदि शामिल थे।