*पर्यावरणविद ने पर्यावरण धर्म के तहत नवदंपति व बारातियों को पौधा देकर किया विदाई*
*अपना धर्म के साथ पर्यावरण धर्म को नहीं अपनाया तो आने वाला पीढ़ी हो जाएगी विकलांग : कौशल*
– परिवार को स्वस्थ रखने उनके संख्या के अनुकूल करना होगा पौधरोपण
फोटो बार वधू व बाराती को पौधा देते पर्यावरणविद
*विंढमगंज/ सोनभद्र/ उत्तर प्रदेश*
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने सोनभद्र जिले के विंढमगंज रघुवर लॉज में आयोजित शादी समारोह में शामिल सभी बरातियों एवं नवदंपति को पौधा देकर उनके सफल वैवाहिक जीवन की कामना की। पलामू जिले के छतरपुर के ग्राम पंचायत डाली बाजार के निवासी रघुनाथ प्रसाद जायसवाल के पुत्र आलोक कुमार जायसवाल एवं विंधमगंज के महेंद्र जायसवाल के पुत्री सत्य जायसवाल की शादी विंढमगंज के रघुवर लॉज में बुधवार को सम्पन्न हुई। पर्यावरणविद ने आशीर्वाद स्वरुप सभी बरातियों व वर-वधू को थाईलैंड प्रजाति के बराहमासी आम का पौधा देकर आने वाली पीढ़ी को सुरक्षित रखने के लिए आधुनिक सुख सुविधाओं का कम से कम उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि शिव के समान वृक्ष और ऑक्सीजन के सिलेंडर के समान पौधे होते हैं। जिससे धरती और ब्रह्मांड के 84 लाख योनि जीवों रक्षा होगी। पर्यावरणविद ने कहा कि पौधे पृथ्वी पर साक्षात देव है जिनकी पूजा सदियों से होते आ रहा है।
समारोह में कंचन देवी, मधु देवी, पंडित शंभू मिश्रा, नंदलाल तिवारी, योगेंद्र प्रसाद,रघुवंश प्रसाद, दीनानाथ प्रसाद, गिरीश कुमा रविंद्र प्रसाद, धीरज जायसवाल, संजय जायसवाल, रामजी प्रसाद, सुमित कुमार, अमन कुमार,लखन प्रसाद, वीरेंद्र प्रसाद, सूरज, गोकुल राज, दीपक, प्रिंस जायसवाल, मृत्युंजय विश्वकर्मा,सयदेव प्रसाद , विजय यादव ,रजनी, रिंकी, ललिता, पिंकी, स्वीटी, लवली, गुड्डी,धर्मदेव यादव, सरोज कुमार, अजीत कुमार जायसवाल, राजेंद्र जायसवाल, प्राचीन जायसवाल, नंदू प्रजापति, सविता देवी,नुनी, रानी,आदि शामिल थी।