पर्यावरणविद का पलामू से शुरू निःशुल्क पौधा वितरण एवं रोपण अभियान का दस माह बाद असम में हुआ समापन
– अभियान के 52 वर्षों में नेपाल, भूटान समेत देश के 20 राज्यों के 75 जिलों में अबतक 37 लाख निःशुल्क चला पौधरोपण और वितरण कार्यक्रम
– सभी कार्यक्रमों में शमिल लोगों को कौशल ने दिलाई आठ मूल मंत्रों की शपथ
– पांच लाख वन वृक्षों पर राखी बांधकर दिलाई वन बचाने का संकल्प
– अभियान में अबतक वैसे एक लाख महिलाओं को शॉल देकर किया गया सम्मानित जो वन बचाने की मुहिम में हैं शामिल
मेदिनीनगर। पलामू
विश्वव्यापी संरक्षण अभियान के केंद्रीय अध्यक्ष सह देश के चर्चित पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल का आज से 52 वर्ष पहले शुरू किया गया निःशुल्क पौधरोपण एवं वितरण कार्यक्रम का समापन तीन अप्रैल को असम में किया गया। श्री कौशल की ओर से 52 वर्षों से अनवरत बिना किसी सरकारी सहयोग से निःशुल्क चल रहे इस अभियान के तहत अबतक नेपाल , भूटान समेत देश के 20 राज्यों के 75 जिलों में कार्यक्रम आयोजित कर 37 लाख निःशुल्क पौधा वितरित किया जा चुका है। जबकि इस मुहिम में वन बचाने में जुटी करीब एक लाख महिलाओं को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित कर उनकी क्षमता को बढाया भी गया है। इतना ही नहीं इतने लंबे अंतराल से चल रहे इस अभियान के दौरान विभिन्न कार्यक्रम में शामिल लोगों को वन एवं पर्यावरण से जुड़े आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई गई जिससे इस अभियान में वन बचाने, लगाने और उसकी रखवाली में काफी हद तक सफलता भी मिली है। निःशुल्क पौधरोपण और वितरण के 52 वर्ष और वन राखी मूवमेंट के 42 वां वर्ष पैर होने के उपरांत वर्ष 2018 -19 में नेपाल , भूटान समेत देश के छह राज्यों में दो लाख पौधा वितरीत करने का लक्ष्य रखकर चलाया गया अभियान का समापन तीन अप्रैल को असम के एक कार्यक्रम के दौरान किया गया। पलामू में इस कार्यक्रम की शुरुआत आयुक्त मनोज कुमार ने छतरपुर के डाली स्थित कौशल नगर से किया था। जबकि समापन संस्था के महासचिव पूनम जायसवाल के द्वारा असम के गुवाहाटी के पांच गर्ल्स स्कूल में पौधरोपण कर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीबीपी गर्ल्स स्कूल के प्राचार्य करुणानाथ ने की। वहां के शिक्षकों ने कौशल किशोर के कार्यों की काफी सराहना की। वहीं पुनः वहां कार्यक्रम के लिए न्योता भी दिया। कार्यक्रम में शिक्षक दीपक बरुआ, वीरेंद्र गोस्वामी, दीपक, मेघा, सुनील ठाकुरिया, प्रदीप मजमुदार, समेत कई लोग शामिल थे।