प्रकृति के साथ इसीतरह छेड़छाड़ होता रहा तो उसके विनाशकारी रूप को कोई रोक नही सकता: कौशल
फ़ोटो- वनों पर राखी बांधकर उसकी रक्षा की शपथ दिलाते कौशल किशोर
मेदिनीनगर। पलामू
विश्व पर्यावरण दिवस पर पलामू जिले के छतरपुर प्रखंड के केरकी कला के वनों में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण सह रोपण कार्यक्रम के 52 वां वर्ष एवं पर्यावरण धर्म व राखी मूवमेंट के 42वां वर्ष पूरा होने के उपरांत पर्यावरण धर्म पर आयोजित गोष्ठी का उद्घाटन विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरणविद सह पर्यावरण धर्म व बन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल ने बरगद के पौधा लगाकर किया। जबकि समापन वन वृक्षों पर राखी बांधकर किया गया। इस मौके पर पर्यावरण धर्म से जुड़े लोगों को शॉल ओढ़ाकर एवं माला पहनाकर पर्यावरणविद ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को श्री कौशल ने पर्यावरण धर्म की आठ मूल- मंत्रों की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चेतावनी और जागरूकता के बाद भी लोग प्रकृति के मूल स्वरूपों के साथ छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है। जिससे कोई बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं कर सकता है। क्योंकि विकास के नाम पर पर्यावरण के गला घोटा जा रहा है । प्रदूषण के कारण गर्मी की पराकाष्ठा , जल की समस्या की मार आने वाले पीढ़ी को झेलने से कोई बचा नहीं सकता। ऑक्सीजन की समस्या वनो की कटाई और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के कारण हो रही है। प्रदूषण का विष से धरती पर 84 लाख योनि के जीवों पर खतरे की घंटी बज चुका है । जिससे धरती और ब्राह्मण दोनों संकट में हैं। एक समय समुद्र से निकला विष ने धरती पर संकट ला दिया था। उस समय भगवान शिव जी ने विष पीकर सृष्टि को नाश होने से बचाए थे। पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि धरती को संकट से उबारने के लिए प्रदूषण नामक विष को समाप्त करना होगा। दुनिया के सभी मनुष्य को पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों का अपनाना होगा तभी हम भगवान शिव के समान वृक्ष रूपी शिव से प्रदूषण नामक विश्व को समाप्त कर इस धरती पर 84 लाख जॉनी जीव को बचा सकते हैं। नहीं तो सृष्टि को नाश होने से कोई नहीं बचा सकता । वही उपस्थित पर्यावरण धर्म के सदस्यो ने अपने गुरु पर्यावरणविद कौशल से पानी के लिए मची हाहाकार से मुक्ति दिलाने के लिए नया चापाकल लगाने को आग्रह किया । इस पर श्री जायसवाल ने अपने निजी खर्च पर 5 दिनों के भीतर वहां पर चापाकल लगाने का आश्वासन दिया है। इस बार जुलाई माह में 10 हजार पौधों का निशुल्क वितरण किया जाएगा। विगत कई वर्षों से पर्यावरणविद कौशल द्वारा उस उजाड़ वनों में पर्यावरण धर्म के तहत वनों पर राखियां बांधते आ रहे हैं । जिसके कारण इस क्षेत्र के लोग वनों को बचाने के लिए आगे आये हैं। लगभग 500 एकड़ में जंगल तैयार हो चुका है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व मुखिया भोला सिंह और संचालन वन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष नागेश सिंह ने किया। मौके पर उपस्थित कुलदीप सिंह ,सुजीत कुमार जयसवाल, जुबेर अंसारी ,ताज मोहम्मद ,कृष्णा सिंह, बृजकिशोर विश्वकर्मा, प्रताप विश्वकर्मा, महावीर भुइयां, सत्येंद्र भुइया ,बलराम सिंह, किस्मतिया देवी, कलुआ गुड़िया देवी, सरिता देवी ,विकास कुमार, संतोष कुमार समेत पर्यावरण धर्म में शामिल लोगों को सम्मानित किया गया।