जिंदा रहना है तो पौधा लगाएं वन बचाएं l
10 हजार पौधों का किया निशुल्क वितरण ….पर्यावरणविद कौशल
सावन के पहले दिन ही विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के तहत निशुल्क पौधा वितरण सह रोपण कार्यक्रम के 53 वां वर्ष एवं पर्यावरण धर्म व राखी मूवमेंट के 43वां वर्ष पूरा होने के उपरांत पर्यावरण धर्म पर आयोजित गोष्ठी का उद्घाटन पलामू उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि के हाथों पौधारोपण शह वितरण करके किया गया विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर्यावरणविद सह पर्यावरण धर्म व बन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल किशोर जायसवाल द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नेपाल भूटान समेत देश के 10 राज्यों में 2 लाख निशुल्क पौधा वितरण शह रोपण एवं वनों पर रक्षाबंधन तथा पर्यावरण धर्म पर गोष्टी पर आयोजन करने का निर्णय लिया है इसी कड़ी में आज पलामू जिले के डालटनगंज अबादगंज के पर्यावरण भवन में 10 हजार पौधों का निशुल्क वितरण शह रोपण एवं वृक्षों पर रक्षाबंधन तथा पर्यावरण धर्म पर गोष्टी का आयोजन किया गया वही पलामू उपायुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल की कार्यों की सराहना करते हुए आगे कहा कि अभी जिस तरह लोग पानी खरीदते हैं आने वाले समय में उसी तरह ऑक्सीजन खरीदना पड़ सकता है इसलिए प्रत्येक व्यक्ति एक एक पौधा लगाकर उसे बचाएं इससे पहले स्कूली छात्राओं ने स्वागत गान एवं राष्ट्रगान गाकर कार्यक्रम की शुरुआत किया गया कियाl
कार्यक्रम में शामिल लोगों को श्री कौशल ने पर्यावरण धर्म की आठ मूल- मंत्रों की शपथ भी दिलाई। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि चेतावनी और जागरूकता के बाद भी लोग प्रकृति के मूल स्वरूपों के साथ छेड़छाड़ करने से बाज नहीं आ रहे है। जिससे कोई बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं कर सकता है। क्योंकि विकास के नाम पर पर्यावरण के गला घोटा जा रहा है । प्रदूषण के कारण गर्मी की पराकाष्ठा , जल की समस्या की मार आने वाले पीढ़ी को झेलने से कोई बचा नहीं सकता। ऑक्सीजन की समस्या वनो की कटाई और प्रकृति के साथ छेड़छाड़ के कारण हो रही है। प्रदूषण का विष से धरती पर 84 लाख योनि के जीवों पर खतरे की घंटी बज चुका है । जिससे धरती और ब्राह्मण दोनों संकट में हैं। एक समय समुद्र से निकला विष ने धरती पर संकट ला दिया था। उस समय भगवान शिव जी ने विष पीकर सृष्टि को नाश होने से बचाए थे। पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि धरती को संकट से उबारने के लिए प्रदूषण नामक विष को समाप्त करना होगा। दुनिया के सभी मनुष्य को पर्यावरण धर्म के 8 मूल मंत्रों का अपनाना होगा तभी हम भगवान शिव के समान वृक्ष रूपी शिव से प्रदूषण नामक विश्व को समाप्त कर इस धरती पर 84 लाख जॉनी जीव को बचा सकते हैं।