वनराखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने वन वृक्षों पर* *राखी बांधकर पूरा किया अभियान का 43 वां वर्ष*
– *वनों की सुरक्षा केवल लाठी से नहीं वन राखी से* *होगी*.
विश्व प्रसिद्ध पर्यावरणविद कौशल ने अब तक नेपाल भूटान समेत देश के 18 राज्यों के 70 जिलों में लाखों वन वृक्षों पर राखियां बांधकर न सिर्फ लोगों को उसकी सुरक्षा की शपथ दिलाई बल्कि पर्यावरण बचाने का मुहिम को और तेज करने का पाठ भी पढ़ाया। इस अभियान की शुरुआती दौर से जुड़े लाखों लोगों को पर्यावरणविद ने उन्हें अंगवस्त्र देकर न केवल सम्मानित किया बल्कि उनके बीच अबतक 37 लाख पौधे दान स्वरूप देकर पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ भी दिलाई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि धरती के 84 लाख योनि जीव को बचाने , जल संकट और ऑक्सीजन संकट को टालने के लिए इस अभियान से जुड़कर पौधरोपण कर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना होगा। उन्होंने पर्यावरण धर्म के स्लोगन ” सोचे साथ क्या ले जाएंगे एक पौधा लगाएंगे तो सात पीढ़ी तर जाएंगे” । “शिव और वृक्ष एक समान, पीते विष करते कल्याण” को जीवन में आत्मसात करने का संदेश भी दिया। । इस बार स्वाधीनता दिवस के मौके पर 15 अगस्त को राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा कि लोगों को अभी एक और आजादी की लड़ाई लड़ना बाकी है। धरती के सभी सजीव – निर्जीव पर शासन करने वाला प्रदूषण नामक शत्रु को पौधा रूपी मिसाइल से समाप्त नहीं किया गया तो बेतहासा बढ़ रही धरती के तापमान से एक दिन सब कुछ जलकर खत्म हो जाएगा।
*मेरी कोशिशों को सराहो लोगों हमराह चलो*,
*मैंने एक समां जलाई है प्रदूषण के खिलाफ*
*प्रकृति प्रेमी के निंदा करहीं जो कान्हा*
*लगही पाप गऊ घात समाना*।।