पितृ पक्ष मेला में आये देश- विदेश के लोगों से पर्यावरणविद कौशल ने कहा –
केवल पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए ही नहीं प्रकृति की आत्मा की शांति के लिए भी लोगों को पौधे लगाकर पानी देने की है जरूरत
– पर्यावरणविद ने गया पितृपक्ष श्राद्ध मेला में देश- विदेश से आए लोगों को पढ़ाया पर्यावरण धर्म की पाठ
– 31 तरह के पौधे लगाकर पर्यावरणविद ने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए किया पिंड दान
*मेदिनीनगर। पलामू*
विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने
सवा सौ साल के बाद भागीरथी की तरह अपने 31 पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए वाराणसी, पुनपुन और गया पितृपक्ष मेला में श्राद्ध कर अपनी जन्मभूमि पहुंचकर डाली बाजार परिसर में 31 तरह के पौधे लगाकर अन्य लोगों को भी पूर्वजों की याद में पौधरोपण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने गया पितृपक्ष मेले में अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पहुंचे देश विदेश के लोगों से कहा कि केवल पूर्वजों की भटकती आत्मा की शांति के लिए ही नहीं बल्कि प्रदूषण से तपती प्रकृति की आत्मा की शांति के लिए भी लोगों को पौधे लगाकर उसमें पानी देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण से जितनी पृथ्वी की तापमान बढ़ेगी उतने ही पूर्वजो की आत्मा भटकेगी । आत्मा अजर- अमर है उसकी शांति के लिए जिस तरह से लोग नदी मां को पिंड पानी देकर उसे शांत करने की कोशिश करते हैं ठीक उसी तरह धरती माँ को शांत करने के लिए पौधे लगाकर उसमें पानी देने से ही आने वाली पीढ़ी को सुख शांति मिलेगी।
पर्यावरणविद कौशल् ने अपने जन्मभूमि ग्राम पंचायत डाली बाजार परिसर में 31पूर्वजों के नाम पर 31 प्रजाति के पौधे पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ लगाकर पूजा करने के उपरांत ब्राह्मणों को दान की। डाली बाजार परिसर में कौशल ने पूर्वजों की याद में इन पौधों को लगाए बरगद ,पीपल, पाकड़ चंदन ,नीम, आंवला ,शमी, तुलसी ,बेल, अर्जुन आम, जामुन, कटहल ,शरीफा ,चीकू ,सीताफल, नींबू ,अनार ,लीची, मूंगा ,अगस्त बैर, अबढ़ा ,नारियल ,साल ,शीशम, सागवान, गमांर, धर्मराज, कदम, गोल्ड मोहर और पाईन आदि के पौधे लगाए।
जिन 31 पूर्वजों को नाम से पीड पानी और पौधे लगाए गए और दान किए गए उनमें पिता मोहनलाल खुर्जा, माता पार्वती देवी , परदादा गोपी साव, दादा प्यारे साव, राम अवतार साव, परदादा खदेरू साव, दादा जवाहिर साव, दादी नागो देवी , दादा मोती साव, दादी फुलेश्वरी देवी, दीदी जोखनी देवी तोलनी देवी चचेरी दीदी रुक्मिणी तारो. लालो . शांति. निर्मला. फूवा जमनती. बरसाने. सुशीला.भैया दरबारी लाल ,चाचा श्रीकृष्ण साव, चाची सरस्वती देवी, चाचा परशुराम साव, चाची सीता देवी ,चाची सुभद्रा देवी चचेरे,भैया नंद किशोर साव, भाभी लक्ष्मी देवी ,भैया राजा राम साव, भैया रामचंद्र साव, भाभी कलावती देवी, भैया बलभद्र साव, भाभी चंपा देवी, भैया हनुमान साव, भतीजा अशोक साव, लव-कुश साव, बहू पार्वती देवी, ज्ञानती देवी, मौसम देवी, भतीजी नीलम कुमारी का नाम शामिल है।।
श्राद्ध कार्यक्रम में कौशल किशोर जायसवाल पत्नी पूनम जायसवाल, सुधीरलाल पत्नी सुभद्रा देवी ,सत्येंद्र प्रसाद पत्नी गीता देवी ,सुचित कुमार पत्नी अल्पना देवी ,अरुण कुमार जयसवाल पत्नी कोमल जायसवाल, मुखिया अमित कुमार जयसवाल पत्नी शिल्पा जायसवाल, सूरज जयसवाल, रॉकी जयसवाल, सुमित कुमार ,विकास कुमार ,अमन कुमार संजीत कुमार संजय कुमार सरोज कुमार समेत परिवार के सभी सदस्य शामिल थे।