धरती और ब्रह्मांड को प्रदूषण के कब्जे से पौधरोपण* *ही दिलाएगा मुक्ति*: *कौशल*
– ने गिरिडीह जिले के डुमरी कस्तूरबा विद्यालय के छात्रों समेत अभिभावकों के साथ साझा किया पर्यावरण धर्म की बातें
में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने राष्ट्रीय गान व पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ पौधरोपण किया।
कार्यक्रम में शामिल छात्राओं को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ दिलाई गई। वहीं जीवन रूपी वृक्षों को भाई समान राखियां बांधी गयी।
श्री कौशल ने 52 वर्षों से अपनी निजी खर्चों पर देश के विभिन्न राज्यों में अबतक 37 लाख निःशुल्क पौधे वितरण एवं रोपन कर इस अभियान को अबतक जारी रखा है । उन्होंने पेड़ों को कटने से बचाने के लिए 42 वर्षों से वनराखी मूवमेंट चलाया है। वहीं सरकार द्वारा नीलामी की गई वनों को भी कटने पर पाबंदी लगवाई। इस वर्ष दो लाख पौधा वितरण और रोपण के लक्ष्य के साथ अभियान की शुरुआत की गई थी।
पर्यावरणविद कौशल ने अपने संबोधन में कहा कि दुनिया के सबसे बड़ा आतंकवादी प्रदूषण है जो धरती और ब्रह्मांड को कब्जे में ले रखा है। जिससे 84 लाख योनि जीव पर खतरा उत्पन्न हो गया है। जिसे बम बारूद से खत्म नहीं किया जा सकता है। प्रदूषण रूपी घातक आतंकवादी से घिरा धरती और ब्रह्मांड को छुटकारा दिलाने लिए सभी लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों को अपनाना होगा। तभी आने वाले पीढ़ी को बचाया जा सकता है। कार्यक्रम का समापन पौधा वितरण और पेड़ों पर रक्षाबंधन कर पर्यावरण धर्म के स्लोगन सोचो साथ क्या ले जाएंगे एक पौधा लगाएंगे तो सात पीढ़ी कर जाएंगे के साथ किया गया।
। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वार्डेन जलपाई सोए ने पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल की ओर से सामाजिक दायित्व के तहत काफी लंबे अरसे से निःस्वार्थ और निःशुल्क किये जा रहे पर्यावरण सेवा को सराहनीय कदम बताया। संचालन ममता पोद्दार ने की। जबकि धन्यवाद ज्ञापन नीलामणि देवी ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से छात्राओं के अभिभावक भी शामिल थे। मौके पर कुमारी छालो, कुमारी रिंकी, उषा कुमारी ,सरस्वती कुमारी ,आ भरती कुमारी ,. विजयालक्ष्मी ,रंजीता ,मोहन कुमार आदि कई छात्राएं शामिल थी।