*पर्यावरणविद कौशल ने देवभूमि हिमाचल प्रदेश के स्कूल में पौधरोपण कर छात्रों को पढ़ाई पर्यावरण धर्म की पाठ*
– पलामू से शुरू पर्यावरणविद का अभियान दिल्ली समेत छह राज्यों की यात्रा तय करते हुए पहुंची देवभूमि हिमाचल प्रदेश
फ़ोटो- शपथ दिलाते पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल
*मेदिनीनगर। पलामू*
देवभूमि हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला एवं कांगड़ा जिले के राजकीयकृत वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मटौर में बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्म व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने कार्यक्रम की शुरुआत पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ पौधरोपण कर किया। उन्होंने कार्यक्रम में शामिल लोगों को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों की शपथ भी दिलाई। श्री कौशल ने लोगों को बताया कि वे इस अभियान को पिछले 52 वर्षों से अपनी निजी खर्चों पर नेपाल भूटान समेत देश के 20 राज्यों के 77 जिलों के अलग- अलग हिस्सों में अबतक 37 लाख निःशुल्क पौधे लोगों के बीच बांटने और लगाने का काम किया है। पौधरोपण किये गए पौधों को जब कुछ लोग बेवजह कटाई कर बर्बाद करने लगे तब उन्होंने उसे बचाने के आज से 42 वर्ष पहले पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्रों के प्रचार के साथ वन राखी मूवमेंट चलाया। इस मुहिम से काफी हद तक सफलता भी हाथ लगी। वनराखी मूवमेंट के तहत अब तक करीब पांच लाख वन वृक्षों पर राखियां बांध कर पेड़ों की रक्षा की जा चुकी हैं। वनराखी मूवमेंट में शामिल होकर जिन महिला- पुरुषों ने पेड़ों की सुरक्षा प्रदान करने में अपनी अहम भागीदारी निभाई उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया। वर्ष 2019 में दस राज्यों के विभिन्न स्थानों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी आयोजित कर दो लाख निःशुल्क पौधा वितरण और रोपण का लक्ष्य निर्धारित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
उसी कड़ी में देवभूमि हिमाचल प्रदेश के सरकारी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय परिसर में शनिवार को पौधरोपण कर लोगों के बीच निःशुल्क पौधे वितरित किये गए। साथ ही वृक्षों पर रक्षाबंधन भी किया गया।
पर्यावरणविद कौशल ने अपने संबोधन में कहा कि देश के लोगों को अब आजादी की दूसरी लड़ाई प्रदूषण के खिलाफ लड़ना होगा। पूरे विश्व के लोगों को एकजुट होकर पौधा रूपी मिसाइल से प्रदूषण नामक शत्रु को समाप्त करना होगा । नहीं तो धरती के तापमान जिस कदर बढ़ रही है वैसी हालात में 84 लाख योनि जीवों पर जल संकट के साथ-साथ ऑक्सीजन संकट होना तय है। इस भयावह स्थिति से बचने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण धर्म के आठ मूल मंत्र अपनाते हुए पौधा लगाना और बचाना होगा।
कार्यक्रम का समापन पर्यावरण धर्म के स्लोगन “सोचें साथ क्या ले जायेंगे ,एक पौधा लगाएंगे ,तो सात पीढ़ी तर जाएंगे एवं “वनों की सुरक्षा केवल लाठी से नहीं वन राखी से होगी के साथ किया गया। कार्यक्रम में से शामिल ब्लॉक समिति अमृतलाल कश्यप प्रधान संजय कुमार प्रमुख लोगों ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल के द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में जो इतने लंबे अर्से से जिसतरह निःस्वार्थ सामाजिक दायित्वों का निर्वहन किया जा रहा है वह बेहद प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य सुदेशवर सिंह मनकोलियाऔर संचालन उप प्रधानाचार्य मनोज कुमार ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन राजेश शर्मा ने की । कार्यक्रम में मुख्य रूप से केवल सिंह सतीश कुमार विशाल राणा रविंद्र कुमार श्रीमती रामादा पाल कॉ र श्रीमती स्नेहलता श्रीमती चंद्ररेखा अशोक कुमार अनुज ठाकुर आरती चौधरी सुनील कुमार समेत सैकड़ों स्कूली छात्र शामिल थे।