*9 दिनों से चल रहे हैं प्रकृति कलश यात्रा में नौ कन्याओं को पूजन भोजन के साथ पौधा पानी देकर कहा कि*
*नवरात्र में सुख शांति के लिए पूजा अर्चना के साथ पर्यावरण और प्रकृति की रक्षा के लिए करें पौधरोपण : कौशल,पूनम व अमित*
– नवरात्र में कन्याओं को भोजन कराने एवं पर्व त्योहार पर पौधरोपण करने का अलग ही है महत्व
फोटो- कन्याओं को पौधा पानी देते मुखिया,पार्षद व पर्यावरणविद
*मेदनीनगर पलामू झारखंड*
9 दिनों से चल रहे 4 राज्यों के 6 जिलों में प्रकृति कलश यात्रा में कलर्स के रूप में 5 हजार लोगों को पौधा पानी देते हुए मेदिनीनगर बाईपास रोड आबाद गंज आवास पर्यावरण भवन में प्रकृति कलश यात्रा के समापन पर विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल मुखिया पूनम जायसवाल, छतरपुर पूर्व जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल, हेसा पलाई के प्रोअरुण कुमार जायसवाल , कोमल जायसवाल, शिल्पा जायसवालन के साथ भौरों नाथ समेत नौ कन्याओं को पूजन भोजन के साथ पौधा पानी देकरआशीर्वाद लिया
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि घर में सुख शांति के लिए कन्याओं को पुजन भोजन पानी दिया जाता तो धरती मां के धधकती आत्मा को शान्ती के लिए पौधा पानी देना चाहिए
अपने जन्मभूमि छतरपुर अनुमंडल के ग्राम पंचायत डाली बाजार में प्रकृति कलश यात्रा के समापन पर घर में कन्याओं को पूजन भोजन कराकर अंग वस्त्र के साथ पौधा पानी देकर आशीर्वाद लेने वालो मे सत्येंद्र प्रसाद, सुचित कुमार, गीता देवी, अपना देवी, खुशबू जायसवाल सूरज जायसवाल, सुमित जायसवाल, विकास जायसवाल, कुमारी पूर्णिमा जायसवाल, अमन जायसवाल सामिल थे
वनराखी मूवमेंट के प्रनेता कौशल ने कहा कि नवरात्र में फलहार भोजन करने का विधान है इसलिए वे लोगों के बीच फलदार पौधों का निःशुल्क वितरित किया। छतरपुर पूर्वी के जिला पार्षद अमित कुमार जायसवाल कहा है कि धर्म से आया हुआ धन टिकाऊ होता है और अवैध तरीके अपनाकर कमाया हुआ धन से आने वाली पीढ़ी का विनाश होता है। उन्होंने कहा कि लोगों को अपने धर्मों के साथ दूससे धर्मों का भी सम्मान करना चाहिए।।
पर्यावरणविद कौशल ने कहा कि जिस प्रकार प्रतिवर्ष नवरात्र में लोग घर परिवार की सुख समृद्धि व आत्मा की शांति के लिए कन्याओं को भोजन पानी कराते हैं। उसी प्रकार धरती और ब्रह्मांड की आत्मा की शांति के लिए पूरे नवरात्र के समय कन्याओं को पौधा पानी देना चाहिए है। तभी नवरात्र में कलश पूजा और दुर्गा पूजा की सार्थकता बनी रहेगी।
श्री जायसवाल ने कहा कि पहले की तरह इस वर्ष भी पूरे नवरात्र में प्रकृति कलश यात्रा के तहत करीब 6 जिलों में लगभग पांच हजार कन्याओं को पौधा पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। कलश स्थापना के दिन से बिहार राज्य के औरंगाबाद जिले के साथ साथ पलामू, गढ़वा , लातेहार जिले के अलावे छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश राज्य के कई विद्यालयों में जाकर न सिर्फ पौधरोपण किया बल्कि नवरात्र के सतमी को अपने जन्मभूमि छतरपुर पूर्वी जिला पार्षद क्षेत्र के कलश यात्रियों के बीच पौधा पानी दिया गया