पर्यावरण धर्म के 47 वां वर्ष पूरा होने पर पर्यावरणविद व धर्मगुरु कौशल ने आज दो हजार पौधों का वितरण व रोपण करते हुए कहा*
*उनके द्वारा लगाए गए पौधों एवं वनों की अवैध कटाई को रोकने के लिए उन्होंने 1976 में शुरू किया था पर्यावरण धर्म,और उसी के तहत वनों को भाई मानकर उस पर रक्षाबंधन यानी वन राखी मूवमेंट*
छतरपुर , पलामू, झारखंड
छतरपुर अनुमंडल के ग्राम पंचायत मड़वा के ग्राम नासो स्थित देवी मंदिर प्रांगण में विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने भूटान के सिंदूर के पौधा पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ लगाया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाने के उपरांत ग्रामीणों के बीच निशुल्क पौधा वितरित किया। उन्होंने
*पूर्व सांसद सह भाजपा नेता मनोज कुमार को*
*क्षेत्र में लोगों के बीच वितरित करने लिए दो हजार फलदार पौधा उपलब्ध कराया।
उन्होंने कहां कि सन 1967, 68 में उनके द्वारा चलाया गया जंगल बचाओ जंगल लगाओ अभियान के तहत लगाए गए पौधे जब वृक्ष हो गए तब 19 76 में वन माफियाओं द्वारा अवैध कटाई किया जाना लगा।
तब उसे रोकने के उद्देश्य से उन्होंने 1976 में पर्यावरण धर्म की शुरुआत की।
पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्रों को उन्होंने जीवन में अपनाने की सलाह दी। सन 1977 में पर्यावरण धर्म के तहत वन वृक्षों को परिवार के सदस्य भाई मानकर वन राखी मूवमेंट चलाया था। जो वनों को बचाने में कारगर साबित हुआ।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि उस समय किसान रैयतिभूमि पर पौधा लगाने से डरते थे कि उनकी रैयती भूमि पर जंगल लगाने से जमीन सरकार ले लेगी ।उन्होंने लगातार निशुल्क पौधा वितरण सह रोपण वृक्षों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण धर्म पर गोष्ठी का आयोजन जारी रखा। आज देश ही नहीं विदेशों तक पर्यावरण धर्म का और वन राखी मूवमेंट का लोगों को जीवन में उतारने के लिए विवश कर दिया। आज देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी पौधा लगाने पर विवश हो गए हैं । वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने कहा कि पूरी दुनिया गहरी नींद में सो रही थी उस समय उन्होंने पर्यावरण को बचाने का मुहिम चलाया जब कि लोगों को जल संकट ऑक्सीजन संकट के बारे में लोगों को बताया तो लोग उनकी बातों पर यकीन नहीं कर रहे थे। जो आज रूटीन में शामिल हो गया।
इस अवसर पर प्रमुख लोगों में ग्राम पंचायत डाली बाजार के उप मुखिया अफजल अंसारी, सिकेस कुमार शर्मा, उदय प्रताप सिंह शिक्षक, मालदेव चंद्रवंशी, मनोज शर्मा, देवपत शर्मा, पवन शर्मा, संजय शर्मा, गोविंद शर्मा, संतोष प्रजापति, समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे