पर्यावरणविद ने विलुप्त प्रजाति के पौधे लगाते हुए कहा*
*गांव में वृक्ष खेती और शहर में आकाश बाग लगाकर प्रदूषण पर पाया जा सकता है काबू : कौशल*
फ़ोटो – पौधा लगाते पर्यावरणविद कौशल
*छतरपुर पलामू झारखंड*
छतरपुर अनुमंडल के चिरू पंचायत कार्यालय एवं पटखाही देवी मंदिर परिसर के अलावे मेदिनीनगर के बैरिया प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु वनराखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने दुर्लभ प्रजाति के कईं पौधे लगाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने पर्यावरण धर्म के आठ मूल ज्ञान मन्त्रों के साथ उक्त परिसर में दुर्लभ प्रजाति के सिंदूर, रुद्राक्ष, कपूर, चंदन, के पौधा पर्यावरण प्रार्थना के साथ लगाकर दादी प्रकाशमणि जी के पुण्यतिथि पर याद किया। वहीं उन्होंने ग्रामीणों को पर्यावरण धर्म की शपथ दिलाते हुए उनके बीच निशुल्क पौधा वितरित किया। उन्होंने
कहा कि पेड़ पौधे भगवान शिव के समान होते हैं । क्योंकि वृक्ष दूसरों के उपकार के लिए ही होते हैं। समाज में यह मान्यता रही है कि जो देता है वह पूजनीय होता है उसे देवता का स्वरूप माना जाता है । इसीलिए तो भारतीय संस्कृति में वृक्षों की पूजा होती आ रही है ।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा कि इतिहास गवाह है कि भगवान बुध का ज्ञान पीपल के वृक्ष के नीचे मिला था ।
जबकि आँवला को भी महिलाएं देव तुल्य मानकर पूजा करती हैं।
वन राखी मूवमेंट के प्रणेता कौशल ने ग्रामीणों से वृक्ष की खेती करने की अपील की। वृक्ष की खेती से सुखाड़ का भय नहीं होता है । पौधे ग्रामीणों के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट के समान होते हैं । आज वृक्ष की खेती होती तो लोगों को सुखाड़ की सामना नहीं करना पड़ता।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद यादव, एवं संचालन सचिन कुमार पांडेय ने किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से चिरू मुखिया सोना मती देवी, डॉ बैजनाथ साव डाली उप मुखिया अफजाल अंसारी ,नवीन पासवान, बसंत विश्वकर्मा, मुरली प्रसाद गुप्ता, डॉ आया राम, कर्मा के सुभाष गुप्ता व सरजू विश्वकर्मा ,चिरु के विष्णु यादव, पंकज कुमार, असंत पासवान, सहदेव यादव लखराज साव बबलू चंद्रवंशी अनिल रजक, महेंद्र रजक समेत सैकड़ों लोग मौजूद थे।