तुलसी जयंती पर पर्यावरणविद ने कस्तूरबा विद्यालय परिसर में रुद्राक्ष का* *पौधा लगाकर कहा कि*
भारतीय संस्कृति में देवताओं की तरह पेड़ों की होती है पूजा, क्योंकि एक वृक्ष दस तरह के लोगों को प्रदान करता है जीने का आधार: कौशल
*मणिका लातेहार झारखंड*
मणिका कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में तुलसी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पर्यावरण धर्मगुरु व वन राखी मूवमेंट के प्रणेता पर्यावरणविद कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के प्रार्थना के साथ रुद्राक्ष का पौधा लगाकर किया। कार्यक्रम में शामिल लोगों को पर्यावरणविद कौशल ने पर्यावरण धर्म के 8 मूल ज्ञान मंत्रों की शपथ दिलाते हुए कहा कि जो निःस्वार्थ रूप से लोगों को कुछ देता है उसे देवता कहा जाता है । ठीक उसी प्रकार वृक्ष भी दूसरे के परोपकार के लिए ही होता है और वह समाज के लोगों को केवल देता ही है। किसी से कुछ लेता नहीं है। इसीलिए भगवान शिव के समान वृक्ष की पूजा करने की परम्परा हमारे संस्कृति में समाहित है।
पर्यावरण धर्मगुरु कौशल ने कहा है कि उनके द्वारा अपने निजी खर्चों पर चलाए गए निःशुल्क पौधा वितरण सह रोपन के 56 वां वर्ष पूरा होने पर प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी नेपाल, भूटान समेत देश के 10 राज्यों मे 2 लाख निशुल्क पौधों का वितरण सह रोपन, वृक्षों पर रक्षाबंधन और पर्यावरण पर गोष्टी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिसका शुभारंभ पलामू प्रमंडलीय आयुक्त जटाशंकर चौधरी के द्वारा 19 जुलाई को जिले के छतरपुर अनुमंडल के ग्राम पंचायत डाली बाजार के कौशल नगर से कर दिया गया है। उसी अभियान की कड़ी में आज लातेहार जिला के मणिका कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में रुद्राक्ष, पारिजात, आम,अमरूद के 51 पौधों का निःशुल्क वितरण सह रोपन किया है । मौके पर वार्डन तारा समय स्कूली शिक्षक एवं बच्चे शामिल थे